एशियाई चैंपियंस ट्रॉफ़ी: भारतीय हॉकी कप्तान हरमनप्रीत का वो कमाल, जिससे हारा पाकिस्तान

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ANI भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह

भारतीय हॉकी टीम ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफ़ी में अपने विजयी अभियान को बनाए रखा.

उन्होंने अपने अंतिम लीग मुकाबले में अपनी चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से हराया. इस तरह भारत ने सभी पांच मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है.

सोमवार को अब दोपहर साढ़े तीन बजे भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सेमी फ़ाइनल मुक़ाबला होगा.

पूरे मुकाबले के दौरान पाकिस्तान ने युवा टीम होते हुए भी अच्छी हॉकी खेली. वह कई बार भारतीय डिफेंस की परख करने में भी सफल रही. पर उनके पास भारतीय ड्रेग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह का कोई जवाब नहीं था.पेनल्टी कॉर्नरों पर जमाए हरमनप्रीत सिंह के दो गोल ही मैच में दोनों टीमों के बीच सबसे बड़ा अंतर बने.

भारत के शुरुआत में ही पिछड़ जाने पर पाकिस्तान टीम ऊंचे मनोबल के साथ खेल रही थी, जिस कारण भारत को बराबरी पाने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन पहले क्वार्टर का खेल तीन मिनट बाकी रहने पर भारत मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर पाने में सफल हो गया. हरमनप्रीत सिंह ने तेज़ ड्रेग फ्लिक से गोल करके भारत को बराबरी दिला दी.

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दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में भी भारत ने हमलावर सिलसिले को बनाए रखा और तीसरे मिनट में मिले दूसरे पेनल्टी कॉर्नर को हरमनप्रीत सिंह ने फिर से गोल में बदलकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया और भारत इस बढ़त को आखिर तक बनाए रखने में सफल रहा.

श्रीजेश के बाद पाठक ने बखूबी निभाई ज़िम्मेदारी

पिछले कुछ सालों में भारत को मिली सफलताओं में गोलकीपर श्रीजेश की अहम भूमिका रही है. पर पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास लेने के बाद कृष्ण बहादुर पाठक ने उनकी जिम्मेदारी को संभाला है.

पाकिस्तान ने तीसरे क्वार्टर में अटैक करने में पूरी जान लगा दी जिससे भारत पर लगातार खतरा मंडराता रहा. पर पाठक की तारीफ़ करनी होगी कि उन्होंने बेहतरीन बचाव का प्रदर्शन करके भारत की बढ़त बनाए रखी.

पेनल्टी कॉर्नर पर सुफयान खान की ड्रेग फ्लिक को पाठक ने बेहतरीन ढंग से रोका, रिबाउंड पर फिर गोल पर साधे गए निशाने को पाठक ने पैड करके बचाया और तीसरे मौके पर गेंद बाहर जाने से भारतीय खेमे में जान आई.

इसके बाद पाकिस्तान एक और पेनल्टी कॉर्नर पाने में सफल रहा. पर इस बार अच्छी बात यह थी कि उनके पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ सुफयान खान येलो कार्ड की वजह से मैदान से बाहर जा चुके थे.

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अहमद बट ने मैच से पहले कहा था कि भले ही भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में विजेता बनने के इरादे से उतरी है पर हमारी टीम उनका जमकर मुकाबला करेगी.

पाकिस्तान ने जिस ढंग से भारत का मुकाबला किया, उससे उनके कप्तान हारकर भी खुश होंगे.

सही मायनों में पाकिस्तान के फॉरवर्डों ने मैच में बेहतर प्रदर्शन करके भारत को लगातार दबाव में बनाए रखा. पाकिस्तान के फॉर्वर्ड खिलाड़ियों की युवा तिकड़ी ने अपनी गति से कई बार भारतीय डिफेंस में दरार बनाई. भारतीय टीम भाग्यशाली थी कि कम से कम तीन मौकों को पाकिस्तान गोल में नहीं बदल सकी.

पाकिस्तान के हन्नान शाहिद, राणा अशरफ़ और नदीम अहमद की जितनी तारीफ़ की जाए, वह कम है. इन्हें देखकर ऐसे लगता है कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के प्रदर्शन में जो गिरावट आई थी, उससे ऊपर ले जाने की इन खिलाड़ियों में क्षमता है.

भारतीय स्ट्राइकर नहीं दिखे रंग में ANI भारतीय स्ट्राइकर सुखजीत सिंह

भारत इस मुकाबले में चार मैच जीतकर आया था और उनके स्ट्राइकर सुखजीत और अभिषेक शानदार प्रदर्शन करके आए थे. इससे भारतीय टीम के मैच में दवाब बनाने की उम्मीद की जा रही थी.

वैसे भी पाकिस्तान 2016 के गुवाहाटी सैफ खेलों के बाद भारत पर जीत हासिल नहीं कर सका है. इसके अलावा पिछले 16 मैचों में से 14 को भारत ने जीता था और दो ड्रॉ रहे थे.

पर भारतीय फॉरवर्डों के नहीं चल पाने में पाकिस्तान के डिफेंस की तारीफ़ करनी होगी. यह सही है कि भारतीय फॉरवर्ड पाकिस्तान सर्किल में तो तमाम बार पहुंचने में सफल रहे. पर पाकिस्तान के डिफेंस ने उन्हें खुलकर गोल पर निशाना साधने से रोके रखा. जब कभी निशाना साधने में सफलता मिल भी गई, तो पाकिस्तान के गोलकीपर बचाव के लिए मुस्तैद नजर आए.

सही मायनों में इस मुकाबले में पाकिस्तान के गोलकीपर के मुकाबले भारतीय गोलकीपरों की ज्यादा परीक्षा हुई. पाकिस्तान के डिफेंस में सुफयान खान ने क्लियर टेकलिंग करके अहम भूमिका निभाई. यही वजह है कि भारत शुरुआत में बहुत पेनल्टी कॉर्नर हासिल नहीं कर सका.

कहां पीछे रही पाकिस्तान की टीम?

पाकिस्तान की युवा टीम सही मायनों में पहले क्वार्टर में भारतीय टीम को चौंकाने में सफल रही. पाकिस्तान के युवा फॉरवर्डों शाहिद हन्नान, नदीम अहमद और राणा वहीद अशरफ को रोकना भारतीय डिफेंस के लिए मुश्किल हो रहा था.

शाहिद हन्नान की अगुवाई वाली पाकिस्तानी तिकड़ी अपने बेहतरीन तालमेल से भारतीय डिफेंस को गलतियां करने को ही मजबूर नहीं कर रही थी. उन्होंने पहला गोल जमाकर भारतीय खेमे में सन्नाटा भी बना दिया.

शाहिद हन्नान दो डिफेंडरों को छकाकर सर्किल के टॉप से अंदर पहुंचे और उन्होंने भारतीय गोलकीपर पाठक के दाहिने वाले पोस्ट पर शॉट लगाया और वहां खड़े अहमद नदीम ने गेंद को गोल में डिफलेक्ट करने में कोई गलती नहीं की.

...और जब तनापूर्ण हो गया माहौल ANI

पिछले काफी सालों से भारत की लगातार जीत से यह माने जान लगा था कि परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों के बीच मैच में तनाव बनने की बात अब गुज़रे जमाने की बात हो गई है. पर पाकिस्तान के कोच ताहिर जमां जो कि खुद तनाव भरे मैच खेलने का अनुभव रखते हैं, उन्होंने मैच से पहले कहा था कि भारत और पाकिस्तान का मुकाबला धड़कनों को बढ़ाने वाला होता है.

खेल के आखिरी समय में पाकिस्तान ने हमलों में तेजी लाकर भारत पर दवाब तो बनाया पर सफलता नहीं मिलने पर उनके ऊपर हताशा भी हावी होने लगी.

इस हताशा में उन्होंने थोड़ा रफ खेल भी खेला. करीब 11 मिनट का खेल बाकी रहने पर राणा अशरफ वहीद ने भारतीय सर्किल में गेंद नियंत्रण में नहीं रहने पर वहां मौजूद भारतीय खिलाड़ी जुगराज सिंह के मुंह में कंधा मार दिया. वह मैदान में गिर पड़े. इस पर अंपायर में वीडियो रेफरल लेकर राणा को येलो कार्ड दिखाकर 10 मिनट के लिए बाहर कर दिया.

इस वाकये के दौरान भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी आमने-सामने आ गए. कुछ अप्रिय होता, उससे पहले ही अंपायर ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों को अलग कर दिया.

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