आईपीएल: करुण और कर्ण के 'इंपैक्ट' की क्यों है चर्चा?

आखिरकार आईपीएल 2025 में दिल्ली कैपिटल्स की जीत का रथ लगातार 4 जीत के बाद रुक ही गया.
पाँच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस को इस सीज़न जिस एक जीत की तलाश थी, वो तो उन्हें मिली ही, साथ ही वो उस डीएनए को दिखाने में भी कामयाब रही, जहां वो हार को सामने देखते हुए भी घुटने नहीं टेकती है.
मुंबई इंडियंस इस मैच में गेंदबाज़ी या बल्लेबाज़ी नहीं, बल्कि आख़िरी पलों में फील्डिंग (और कैपिटल्स के निचले क्रम के बल्लेबाज़ों की नासमझी) या यूं कहें रन-आउट की हैट्रिक के ज़रिये एक जुझारू जीत हासिल करने में कामयाब रही.
उतार-चढ़ाव से भरे इस मैच में जिन दो खिलाड़ियों ने सबसे ज़्यादा प्रभाव डाला, वो थे दोनों टीमों के 12वें यानी कि इंपैक्ट खिलाड़ी. मेज़बान टीम के लिए करुण नायर तो मेहमान टीम के लिए कर्ण शर्मा.
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1076 दिनों के अंतराल के बाद पहली बार आईपीएल में बल्लेबाज़ी करने उतरे कर्नाटक के करुण नायर इस घरेलू सीज़न में भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रेरणादायक कहानी के हीरो बनकर उभरे हैं.
विदर्भ के रणजी ट्रॉफी जीतने में क़रीब 54 (53.93) की औसत से 863 रन बनाने वाले करुण नायर ने विजय हज़ारे ट्रॉफी (50 ओवर की क्रिकेट) में 779 रन बनाए थे, जिसमें 5 शतक शामिल थे.
इसमें उनका हैरतअंगेज़ औसत (389.50) रहा था. इसके ज़रिए उन्होंने अपनी वापसी को लेकर दृढ़ता का परिचय दिया था.
पिछले दो साल में टी-20 मुकाबलों में 33 साल के इस बल्लेबाज़ ने 165 की स्ट्राइक रेट से 473 रन बनाए थे.
लेकिन, इन तमाम आंकड़ों का वजन तराजू में सिर्फ़ 9 गेंदों पर तौला जाए तो उसके लिए दुनिया के सबसे ख़तरनाक और आईपीएल के शायद महानतम तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह के ख़िलाफ़ उनकी सहजता को पैमाना माना जा सकता है.
इससे पहले किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ ने बुमराह के एक ओवर में 18 रन नहीं बनाये थे, जो करुण ने किया और इतना ही नहीं उन्होंने बुमराह के ख़िलाफ़ 9 गेंदों पर 26 रन बनाये, जिसमें 3 चौके और 2 छक्के शामिल रहे.
इतना ही नहीं करुण नायर ने हार्दिक पांड्या के ख़िलाफ़ 8 गेंदों पर 18 और न्यूज़ीलैंड के ट्रेंट बोल्ट के ख़िलाफ़ 5 गेंदों पर 12 रनों के चलते पावर-प्ले के 6 ओवर में ही 22 गेंदों पर अर्धशतक जड़ दिया था.
उन्होंने ऐसा करके अपनी टीम के लिए 206 रनों के लक्ष्य को महज औपचारिकता बना दिया.
दरअसल, आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले मैंने करुण से पूछा था कि उनके लिए इस तरह की वापसी करने में प्रेरणास्रोत कौन रहे हैं?
तब करुण ने कहा था, "क्रिकेट में देखें तो युवराज सिंह और दिनेश कार्तिक मेरे लिए बड़े प्रेरणास्रोत रहे हैं. युवराज सिंह ने कैंसर से उबरकर वापसी की, यह एक अविश्वसनीय कहानी है."
"दिनेश कार्तिक भी कई बार टीम से अंदर-बाहर हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. क्रिकेट के बाहर देखें, तो टाइगर वुड्स भी मेरे लिए प्रेरणा रहे हैं."
"जब लोग कहते थे कि अब उनकी वापसी संभव नहीं, तब भी उन्होंने खुद को साबित किया. इन कहानियों से मुझे हमेशा यह सीख मिली कि कभी हार मत मानो. अगर वे वापसी कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?"
अगर मैच के नतीजे के लिहाज से देखा जाए तो करुण नायर की पारी (40 गेंदों पर 89 रन) को बाज़ीगर कहा जा सकता है.
लेकिन, इतना लाजवाब खेल दिखाने के बावजूद अगर उनकी टीम मैच हार गयी, तो इसकी वजह मुंबई के खेमे में लेग स्पिनर कर्ण शर्मा का मौजूद होना था, जो करुण की ही तरह इंपैक्ट खिलाड़ी थे.
उन्होंने 4 ओवर में 36 रन देकर अभिषेक पोरेल, केएल राहुल और स्टब्स के विकेट लेकर मेज़बानों को हर उस मौके पर धक्का दिया, जहां पर जीत के लिए उनकी राह आसान दिखने लगी.
लेकिन, करुण नायर और कर्ण शर्मा के अलावा भी इस मैच को बेहद रोमांचक बनाने में कई किरदार रहे.
मुंबई के लिए ओपनर रोहित शर्मा एक बार फिर से बड़ी पारी (12 गेंदों पर 18 रन, 2 चौके और 1 छक्का) खेलने में नाकाम रहे.
लेकिन, रोहित के साथी ओपनर रायन रिकेल्टन (25 गेंदों पर 41 रन), सूर्यकुमार यादव (28 गेंदों पर 40 रन) और तिलक वर्मा (33 गेंदों पर 59 रन) ने मुंबई इंडियंस के विविधता वाले बल्लेबाज़ी क्रम की मज़बूती को साबित किया.
आखिरी पलों में नमन धीर (3 चौके और 2 छक्के) की 17 गेंदों पर 38 रनों की तेज़ तर्रार पारी ने मुंबई को जीत का आधार दिया.
बल्लेबाज़ों के दबदबे वाले इस मैच में शायद कुलदीप यादव के सबसे किफायती और प्रभावशाली (4 ओवर में 23 रन देकर 2 विकेट) गेंदबाज़ी प्रदर्शन को वो तवज्जो ना मिले, जिसके वो हकदार हैं.
लेकिन, अगले साल भारत में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए अगर बुमराह के साथ किसी एक और गेंदबाज़ की जगह पक्की दिखती है, तो वो कानपुर के कुलदीप ही हैं.
उन्होंने ना सिर्फ़ 2024 टी20 वर्ल्ड कप बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी और 2023 वन-डे वर्ल्ड कप के दौरान भी मिडिल ओवर्स में आक्रामक गेंदबाज़ की भूमिका निभाई है.
वैसे भी मौजूदा सीज़न में इकतरफा मैचों का प्रचलन दिख रहा है और मेज़बान टीम भी उसी सिलसिले को बरकरार रखती दिख रही थी.
लेकिन, अचानक से मुंबई ने अपने अनुभव और जुझारुपन से आशुतोष शर्मा और विपराज निगम जैसे बल्लेबाज़ों को तनाव वाले पलों में आज़ादी से नहीं खेलने दिया.
बुमराह-बोल्ट-पांड्या-सैंटनर की अंतर्राष्ट्रीय चौकड़ी के 12 ओवरों में क़रीब 11 रन प्रति ओवर से रन लूटने वाली दिल्ली की टीम करुण नायर के आउट होने के बाद से लगातार लय को तलाशने में संघर्ष करती दिखी.
इसका नतीजा रहा कि दिल्ली 19 ओवर में ही ऑल आउट हो गई. टीम को 12 रनों से एक अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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