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ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ़ की लेकिन भारत पर साधा निशाना

Getty Images डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी, तस्वीर फ़रवरी 2020 की है

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो अगले हफ़्ते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करेंगे.

17 सितंबर को मिशिगन के फ्लिंट में एक टाउनहॉल के दौरान रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार ट्रंप ने कहा, ''अगले हफ़्ते मोदी अमेरिका आ रहे हैं और उनसे मुलाक़ात होगी. वह शानदार व्यक्ति हैं.''

ट्रंप से भारत के साथ मुक्त व्यापार और अमेरिका में नौकरियों को सुरक्षित करने के बारे में सवाल पूछा गया था.

हालांकि ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन ने पीएम मोदी से मुलाक़ात की कोई जानकारी नहीं दी है.

मोदी इसी हफ़्ते के अंत में अमेरिका जा रहे हैं.

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राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के आख़िर में क्वॉड देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है.

क्वॉड गुट में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान हैं.

जो बाइडन अपने कार्यकाल का आख़िरी क्वॉड समिट डेलावेयर के विल्मिंगटन में करने जा रहे हैं.

23 सितंबर को पीएम मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में समिट ऑफ द फ्यूचर को भी संबोधित करेंगे.

टाउन हॉल में ट्रंप ने अपने समर्थकों से कहा, ''मोदी शानदार व्यक्ति हैं. कई नेता शानदार हैं. ये बिल्कुल भी पिछड़े हुए नहीं हैं. ये अपने-अपने गेम में टॉप पर हैं और हमारे ख़िलाफ़ अपनी नीतियों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इंडिया बहुत मुश्किल है. ब्राज़ील भी बहुत मुश्किल है. मैं आप सभी से यह बात कह सकता हूँ.''

ट्रंप ने भले पीएम मोदी की तारीफ़ की है लेकिन भारत की नीतियों की आलोचना भी की है.

ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका से आयात होने वाले वस्तुओं पर भारी टैक्स लगाता है और ख़ुद अमेरिका निर्यात करता है तो कोई टैक्स नहीं चाहता है.

इसी मामले में ट्रंप ने भारत को नीतियों का दुरुपयोग करने वाला देश कहा है.

ट्रंप की इस टिप्पणी पर पर भारत के पूर्व विदेश सचिव और रूस में भारत के राजदूत रहे कंवल सिब्बल ने लिखा है, ''ट्रंप अब भी हार्ले-डेविडसन को लेकर आत्ममुग्ध हैं. अमेरिका मुक्त व्यापार की बात तभी करता है, जब वह इस गेम में शीर्ष पर होता है. अभी यह मामला संरक्षणवादी का नहीं है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जो डॉलर के ज़रिए वैश्विक वित्तीय व्यवस्था पर कंट्रोल रखता है, वो भारत से बराबरी की मांग कैसे कर सकता है? अमेरिका के लिए समस्या चीन है न कि भारत.''

Reuters अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर ट्रंप के दो रुख़

ट्रंप भारत को लेकर पहले भी बोलते रहे हैं. कभी वो पीएम मोदी की तारीफ़ करते हैं तो कभी वो भारत की आलोचना करते हैं.

कुछ वक़्त पहले जब ट्रंप पर हमला हुआ था, तब पीएम मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी थी.

इससे पहले 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान न्यू जर्सी में एक प्रचार रैली में ट्रंप ने कहा था, "मैं हिंदू का बहुत बड़ा फ़ैन हूं और भारत का भी बहुत-बहुत बड़ा फ़ैन हूं."

अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन से ट्रंप ने कहा था, "भारत बहुत अच्छा कर रहा है लेकिन कोई इस बारे में बात नहीं करता."

अगस्त 2019 में फ़्रांस में ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाक़ात हुई थी.

इस दौरान मीडिया के सामने पीएम मोदी ने हिन्दी में कहा था, ''मुझे लगता है कि हम दोनों को बात करने दीजिए और जब ज़रूरत पड़ेगी तो आप लोग तक जानकारी पहुंचाएंगे.''

इसके जवाब में ट्रंप ने कहा था- ''दरअसल, मोदी बहुत अच्छी अंग्रेज़ी बोलते हैं. बस ये इंग्लिश में बात नहीं करना चाहते.''

फरवरी 2020 में जब ट्रंप भारत आए थे तो अहमदाबाद के स्टेडियम में 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम किया गया था. ट्रंप और मोदी ने अहमदाबाद में बड़ा रोड शो किया था.

इससे पहले जब मोदी अमेरिका गए थे, तब 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में ट्रंप ने भी शिरकत की थी.

Reuters ट्रंप ने जब भारत को निशाने पर लिया

2016 से 2020 तक ऐसे कई मौक़े रहे हैं, जब ट्रंप ने भारत को निशाने पर भी लिया था.

अभी कुछ वक़्त पहले जुलाई 2024 में ट्रंप ने एक चुनावी रैली में कहा था, ''अगर आप चीन में कुछ बनाना चाहते हैं तो वो चाहेंगे कि हम चीज़ें यहां बनाएं और वहां भेजें. फिर वो आप पर 250 फ़ीसदी टैरिफ लगाएंगे. हम ये नहीं चाहते. फिर आपको निमंत्रण मिलता है कि आइए अपना प्लांट लगाइए. फिर ये कंपनियां वहां जाती हैं.''

ट्रंप ने कहा, ''हार्ले डेविडसन के साथ भारत ने भी यही किया. हार्ले डेविडसन 200 फ़ीसदी टैरिफ लगाए जाने के कारण अपनी बाइक वहाँ नहीं बेच पाई.''

हार्ले-डेविडसन दुनिया की जानी-मानी बाइक कंपनी है.

इस कंपनी की बाइक लाखों रुपये की होती हैं और सुपरबाइक कहलाने वाली हार्ले डेविडसन रईसों के बीच काफ़ी लोकप्रिय रहती है.

ट्रंप ने कहा था, ''मैंने हार्ले डेविडसन कंपनी के मुखिया से पूछा कि भारत में आपका व्यापार कैसा चल रहा है. जवाब मिला कि अच्छा नहीं चल रहा. हम 200 फ़ीसदी टैरिफ क्यों दे रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो हम अगर बाइक बेचते हैं तो वो हम पर इतना ज़्यादा टैक्स लगाते हैं.''

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था, ''मैंने उनसे कहा कि अगर 200 फ़ीसदी टैरिफ लग रहा है तो आप वहां बाइक नहीं बेच पाएंगे. लेकिन भारत ने हार्ले डेविडसन को प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया था और कंपनी गई भी. कंपनी शायद प्लांट बना रही है. ये देश इस तरह से काम कर रहे हैं. मैं इसके लिए भारत को ज़िम्मेदार नहीं ठहराऊंगा. मैं इसके लिए ख़ुद को ज़िम्मेदार मानता हूं कि हमने ऐसा होने दिया. अब आगे से ऐसा नहीं होगा.''

हालांकि ट्रंप के पुराने बयानों पर ही गौर करें तो वो टैरिफ को लेकर अलग-अलग दावे करते रहे हैं.

Getty Images फरवरी 2020 में अहमदाबाद के स्टेडियम में पीएम मोदी और ट्रंप जब ट्रंप ने मोदी को बताया था दोस्त

2019 में ट्रंप ने कहा था, ''हम मूर्ख देश नहीं हैं. आप भारत को देखिए. नरेंद्र मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. आप देखिए कि उन्होंने क्या किया है. हमारी मोटर साइकिल पर 100 फ़ीसदी टैक्स लगाते हैं. हम उन पर कुछ टैक्स नहीं लगाते हैं. एक फोन कॉल पर मोदी ने टैक्स 50 फ़ीसदी घटा दिया. ये अब भी अस्वीकार्य है. भारत इस पर काम कर रहा है.''

नवंबर 2019 में ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर भारत को निशाने पर लिया था.

तब भारत के कई हिस्सों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया था.

ट्रंप ने कहा था, ''भारत, चीन और रूस की गंदगी बहती हुई लॉस ऐंजिलिस तक पहुंच रही है. आपको पता है कि यहां एक समस्या है. तुलनात्मक रूप से हमारे पास ज़मीन का छोटा टुकड़ा है. अगर आप चीन, रूस और भारत जैसे और देशों से तुलना करें तो ये सफ़ाई और धुआं को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. ये अपनी गंदगी समंदर में डाल रहे हैं और बहते हुए लॉस ऐंजिलिस तक पहुंच रही है.''

हालांकि राष्ट्रपति बनने के फौरन बाद ट्रंप ने पाकिस्तान पर 'आतंकवाद को शह' देने आरोप लगाया था. भारत भी यही रुख़ अपनाता रहा है.

गलवान में हिंसक झड़प के बाद भी ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कही थी, जिसे भारत ने ख़ारिज कर दिया था. ट्रंप ने इस मामले में चीन का साथ दिया था.

अमेरिका चीन को अपना प्रतिद्वंदी मानता है और समय-समय पर दूसरे तरीक़ों से इसका अहसास चीन को कराता रहता है.

बतौर राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने एच1B वीज़ा की व्यवस्था में भी काफ़ी बदलाव किए थे.

ट्रंप के इस फ़ैसले से सबसे ज़्यादा भारतीय प्रभावित हुए थे.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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