सुनील नारायण के सामने कप्तान धोनी हुए नाकाम, क्या उठ रहे हैं सवाल

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Getty Images इस सीज़न में सीएसके के कप्तान के तौर पर केकेआर के ख़िलाफ़ धोनी का पहला मैच था.

महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टी20 क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज़्यादा बुद्धिमान और कामयाब कप्तान माना जाता है. लेकिन वे शुक्रवार को एक उदास और पस्त चेहरा लिए चेन्नई की टीम की कप्तानी करते नज़र आए.

धोनी 2023 सीज़न के बाद पहली बार चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी कर रहे थे. उनके फैंस उम्मीद कर रहे थे कि वह अपनी टीम को फिर जीतना सिखा देंगे क्योंकि इससे पहले ऋतुराज गायकवाड़ की कप्तानी में टीम इस सीज़न में लगातार चार मैच हार चुकी थी.

लेकिन धोनी की कप्तानी से भी टीम की किस्मत नहीं बदली. ख़राब बल्लेबाज़ी के बाद सीएसके के गेंदबाज़ एक साधारण स्कोर 103 रन को बचाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कहीं यह नज़र नहीं आया कि टीम मुक़ाबले में है.

कोलकाता नाइटराइडर्स ने यह मैच आसानी से आठ विकेट से जीत लिया.

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यह विफलता चेन्नई सुपर किंग्स की सबसे निराशाजनक हार मानी जा रही है क्योंकि इससे पहले आईपीएल के इतिहास में उनके दिए हुए लक्ष्य तक कोई भी टीम इतनी जल्दी नहीं पहुँच पाई थी.

चेन्नई ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए नौ विकेट पर 103 रन बनाए, इसके जवाब में केकेआर ने 104 रन का लक्ष्य महज़ 10.1 ओवर में पूरा कर लिया.

यह इस सीज़न में चेन्नई की लगातार पांचवीं हार थी, ऐसा आज तक आईपीएल के इतिहास में नहीं हुआ था. लगातार पांच मैच हारने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स अब अंक तालिका में नौवें स्थान पर है.

पहली बार पांच लगातार हार Getty Images केकेआर के ख़िलाफ़ धोनी महज़ एक रन बनाकर आउट हो गए.

वैसे 103 रन का स्कोर आईपीएल इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स का अब तक का दूसरा सबसे कम स्कोर था. इससे पहले उसने 2022 में वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के सामने 97 रन बनाये थे. लेकिन, चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में ये उसका सबसे कम स्कोर है.

चेन्नई के ख़राब बल्लेबाज़ी का श्रेय कोलकाता के गेंदबाज़ सुनील नारायण को सबसे ज़्यादा जाता है. उन्होंने किफ़ायती गेंदबाज़ी करते हुए, चार ओवरों में 13 रन देकर तीन विकेट झटके.

सुनील ने पहले जमने की कोशिश कर रहे राहुल त्रिपाठी को आउट किया. उसके बाद नारायण ने पारी के अंत में धोनी और रवींद्र जडेजा को भी आउट किया.

कप्तान धोनी पर सवाल Getty Images सीएसके के फ़ैंस को उम्मीद थी कि कप्तान के तौर पर धोनी टीम को जीत दिलाएंगे.

नारायण ने मैच के बाद कहा, "यह लगभग परफे़क्ट गेम था. मैं बस अपनी स्ट्रेंथ पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं. अगर आप बल्लेबाज़ों पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं, तो आप गड़बड़ कर सकते हैं."

इस मैच में अचरज इस बात पर भी हो रही है कि जब चेन्नई की पारी लड़खड़ा गई तब भी कप्तान धोनी पहले बल्लेबाज़ी करने के लिए नहीं उतरे. वे नौवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए.

उन्होंने खुद शिवम दुबे (31 रन, 29 गेंद पर नाबाद), रविचंद्रन अश्विन (1), रवींद्र जडेजा (0) और दीपक हुडा (0) से नीचे बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया.

ये और बात है कि धोनी इन सबसे अधिक अनुभव रखने वाले बल्लेबाज़ हैं. उन्होंने भारत और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बीते वर्षों में मैच जिताने वाली कई पारियां खेली हैं. याद कीजिये 2011 वर्ल्ड कप का फ़ाइनल जहां उन्होंने नाबाद 91 रन बनाकर भारत को विजयी बनाया था.

इस सीज़न में भी उन्होंने नाबाद 30 रन की दो तेज़ पारियां और 27 रन की एक पारी खेली है. तो ऐसा नहीं है कि वह फॉर्म में नहीं हैं. लेकिन लग रहा है कि कोलकाता टीम के स्पिनरों को देख कर उनका आत्मविश्वास डगमगा गया.

चेन्नई की पारी में 15वें ओवर की समाप्ति के बाद टीम का स्कोर सात विकेट पर 72 रन था.

उस समय धोनी क्रीज़ पर बल्लेबाज़ी करने उतरे. हालाँकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी, लेकिन दर्शकों का उत्साह कम नहीं था.

उन्होंने धोनी के मैदान पर आने पर बड़ा शोर मचाया, धोनी-धोनी के नारे लगाए. टीम और उनके फैंस को शायद उम्मीद रही होगी कि पहले की तरह धोनी संकटमोचक की भूमिका निभाएंगे.

लेकिन धोनी का क्रीज़ पर मक़ाम चार गेंदों तक ही रहा और वह जल्द ही आठवाँ विकेट बन कर एलबीडब्ल्यू हुए. उस समय टीम का स्कोर सिर्फ़ 75 था. इसके बाद टीम किसी तरह सौ रन के पार पहुंचने में कामयाब रही.

जहां नारायण ने तीन विकेट चटकाए, वहीं केकेआर के दूसरे स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने चार ओवरों में 22 रन देकर दो विकेट निकाले. तेज़ गेंदबाज़ हर्षित राणा ने 16 रन देकर दो विकेट लिए.

सुनील नारायण का कमाल Getty Images सुनील नारायण ने सीएसके के ख़िलाफ़ बल्ले और गेंद दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया और प्लेयर ऑफ़ द मैच बने.

गेंदबाज़ी में कमाल दिखाने के बाद नारायण ने बल्ले से चेन्नई के लिए मुश्किलें बढ़ा दीं. पॉवरप्ले के छह ओवरों के अंत तक कोलकाता की टीम 71 रन बना चुकी थी और उसका केवल एक विकेट गिरा था.

नारायण ने धुआंधार बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए पहले पॉवरप्ले के ओवरों में तीन छक्के और दो चौके जड़े. उन्होंने अपनी इस पारी में 18 गेंदों पर 42 रन बनाये और प्लेयर ऑफ़ द मैच का खिताब जीता. वह जब आउट हुए तो टीम को जीत के लिए केवल 19 रन की दरकार थी.

नारायण ने मैच के बाद कहा, "यह बहुत आसान है, टीम को धुआंधार शुरुआत दिलाओ. कभी-कभी यह रणनीति काम करती है, कभी-कभी नहीं. अगर मैं असफल हो जाता हूँ, तो भी मैं इस रणनीति को अगले गेम में आज़माता हूँ."

चेन्नई सुपर किंग्स अंक तालिका में नौवें स्थान पर है, वहीं इस जीत के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स अंक तालिका में तीसरे स्थान पर पहुँच गई है.

धोनी ने मैच के बाद कहा कि उनकी टीम को अपनी ग़लतियों पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा, "कई मैच हमारे हिसाब से नहीं गुज़रे. हमें अपने अंदर गहराई से झाँकने की ज़रूरत है."

उन्होंने यह भी कहा कि बल्लेबाज़ों ने कम स्कोर बनाया, "हमने स्कोर बोर्ड पर पर्याप्त रन नहीं बनाये थे. गेंद बल्ले तक रुक कर आ रही थी. इस पिच में ऐसा दूसरी पारी में होता था लेकिन इस मैच में पहली पारी में भी ये हो रहा था. ऐसी पिच पर बेहतरीन स्पिनरों के सामने बल्लेबाज़ी करना बड़ा कठिन हो जाता है."

वहीं कोलकाता के कप्तान रहाणे ने कहा कि उनको शुरू में पिच समझने में मुश्किल हुई थी.

उन्होंने कहा, "शुरू में मुझे लगा कि यह 170-180 रन की पिच है. मोईन ने पहला विकेट लेकर हमारी उम्मीद जगाई. सुनील नारायण और वरुण चक्रवर्ती ने बीच के ओवरों में हमारे लिए दबदबा बनाया."

टीम की बल्लेबाज़ी पर रहाणे ने कहा, "बल्लेबाज़ी के समय हमने मैच जीतने और दो अंक लेने के बारे में ही सोचा था. लेकिन पॉवरप्ले में शानदार शुरुआत के बाद ऐसा लगा कि हम जल्द ही जीत कर अपने नेट रन रेट को भी बेहतर कर सकते हैं."

चेन्नई सुपर किंग्स अब अपना अगला मैच 14 अप्रैल को लखनऊ सुपर जाइंट्स के ख़िलाफ़ खेलेगी और कोलकाता नाइटराइडर्स का अगला मैच 15 अप्रैल को पंजाब किंग्स से है.

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