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टेलीग्राम: इंटरनेट की वो 'स्याह दुनिया' जो अपराधियों के लिए जन्नत बन गई है

Getty Images साइबर अपराध (सांकेतिक तस्वीर)

लगभग नौ महीने पहले मैं एक स्टोरी के लिए रिसर्च कर रहा था. मैंने पाया कि मुझे एक ऐसे टेलीग्राम चैनल से जोड़ दिया गया है जिसका पूरा ज़ोर ड्रग्स बेचने पर था.

इसके बाद मुझे एक और चैनल से जोड़ दिया गया जो हैकिंग से जुड़ा था. फिर एक और चैनल से मुझे जोड़ा गया, जिसका वास्ता सिर्फ चोरी हुए क्रेडिट कार्ड से था.

आख़िर ऐसा क्यों हो रहा था? थोड़ा ध्यान देने पर मैंने पाया कि ये सब मेरी टेलीग्राम सेटिंग्स की वजह से हो रहा था. मेरी सेटिंग्स की वजह से ही लोग मेरे कुछ किए बगै़र ही मुझे अपने चैनल से जोड़ पा रहे थे.

इसके बावजूद मैंने अपनी सेटिंग्स नहीं बदली. मैं देखना चाहता था कि आगे क्या होने वाला है. इसके बाद कुछ ही महीनों में मुझे अलग-अलग 82 ग्रुप्स से जोड़ दिया गया.

BBC टेलीग्राम के एक ड्रग्स चैनल पर पोस्ट की गई तस्वीर

फिर एक दिन मैंने इस सिलसिले को रोकने का फै़सला किया और ऐप की सेटिंग्स बदल दी. उसके बाद ये सब बंद हो गया.

लेकिन अब जैसे ही मैं ऐप में लॉग ऑन करता हूं मेरे सामने टेलीग्राम पर मौजूद बेहद सक्रिय दर्जनों अवैध ग्रुप्स के हज़ारों नए मैसेज तैरने लगते हैं.

इस बीच टेलीग्राम के अरबपति सीईओ की फ्रांस में गिरफ़्तारी ने इस ऐप में नियमन के बारे में नई बहस छेड़ दी है.

टेलीग्राम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पावेल दुरोव पर टेलीग्राम पर अवैध लेनदेन, ड्रग्स की तस्करी, धोखाधड़ी और बच्चों के यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी तस्वीरों के प्रसार में मिलीभगत का आरोप लगाया गया है.

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  • BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 'जेब में पड़ा डार्क वेब'

    इसमें कोई शक़ नहीं है कि दूसरे सोशल नेटवर्क्स पर भी आपराधिक गतिविधियां जारी हैं. लेकिन मैं जो प्रयोग कर रहा हूं वो उस व्यापक समस्या की ओर इशारा कर रहा है, जिसे लेकर क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों से जुड़े लोग पिछले कई वर्षों से चिंता जताते आ रहे हैं.

    चलिए ये देखते हैं कि मैंने खुद को जिन ग्रुप्स से जुड़ा पाया उनमें से कुछ किस तरह के थे.

    हमने ग्रुप्स पर पोस्ट की गई तस्वीरों और चैनलों के नाम बदल दिए हैं ताकि उनका विज्ञापन न हो.

    हाल के दिनों में टेलीग्राम पर जिस तरह के आरोप लगे हैं उन्हें देखकर इस बात को लेकर आश्चर्य नहीं होता कि क्यों साइबर-सिक्योरिटी पॉडकास्टर पैट्रिक ग्रे जैसे कुछ लोग पिछले कई महीनों से टेलीग्राम को 'जेब में पड़ा डार्क वेब' बताते आ रहे हैं.

    BBC कार्ड स्वाइपर्स ग्रुप (15,700 सदस्य) टेलीग्राम पर चुराए गए क्रेडिट कार्डों की हूबहू नकल बेचते हैं और दुनियाभर में इन्हें भेजते हैं. इसमें मौजूद तस्वीरें और वीडियो दिखा रहे हैं कि अपराधी नकली कार्ड का इस्तेमाल कर एटीएम खाली कर रहे हैं, उनके पास नोटों की गड्डियां दिख रही हैं.

    डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है जहां विशेष सॉफ्टवेयर और जानकारी के ज़रिये ही पहुंचा जा सकता है.

    2011 में सिल्क रूट रोड मार्केट प्लेस की लॉन्चिंग के बाद से ही वेबसाइटों की एक पूरी 'कन्वेयर बेल्ट' सामने आ चुकी है जो गै़रक़ानूनी सामान और सेवाएं बेच रही हैं.

    दुरोव की चौंका देने वाली गिरफ़्तारी पर पैट्रिक ग्रे ने अपने पॉडकास्ट 'रिस्की बिजनेस' पर टिप्पणी करते हुए कहा कि टेलीग्राम लंबे समय से अपराध का स्वर्ग बना हुआ है.

    उन्होंने कहा, ''हम टेलीग्राम पर प्रसारित हो रही बच्चों के यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी चीज़ों, ड्रग्स के धंधे और आपराधिक गतिविधियों के डार्क वेब के स्तर तक पहुंच जाने का मामला लगातार उठा रहे हैं. लेकिन टेलीग्राम इन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहा है.''

    डार्क वेब अपराधियों का पसंदीदा है लेकिन क्योंकि इससे अपराध को अंजाम देकर गुमनाम रहना आसान हो जाता है.

    दरअसल दुनियाभर में ऐसी इंटरनेट ट्रैफिक की भरमार है जो लोगों की लोकेशन छिपा लेते हैं. इसलिए टेलीग्राम जैसे सोशल चैनलों पर कुछ यूज़र नेम के पीछे असल में किसका चेहरा है ये जानना बेहद मुश्किल हो जाता है.

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  • टेलीग्राम के रवैये को लेकर बढ़ी चिंता BBC 9119 सदस्यों के एक ड्रग्स ग्रुप में गांजा, गांजे की कुकीज़ और अवैध नशीले पदार्थ बेचे जाते हैं. इस पर उत्पाद और कस्टमर रिव्यूज़ भी लगातार शेयर किए जाते हैं. BBC 6235 सदस्यों वाले ड्रग्स से जुड़े एक चैनल पर कई तरह के नशीले पदार्थ मिलते हैं. इसके साथ ही इस टेलीग्राम चैनल पर शहर में कहां-कहां नशीले पदार्थ मिल सकते हैं ये भी बताया जाता है.

    साइबर सिक्योरीटी कंपनी इंटेल47 के रिसर्चरों का कहना है, ''टेलीग्राम से पहले इस तरह की गतिविधियां छिपी हुई डार्क वेब सर्विसेज़ के इस्तेमाल से ऑनलाइन मार्केट में होती थीं. लेकिन अब छोटे स्तर के कम शातिर साइबर अपराधियों के लिए टेलीग्राम सबसे पॉपुलर ऑनलाइन ठिकाना बना हुआ है.''

    इस साल गर्मियों की शुरुआत में हैकर ग्रुप चिलिन ने एनएचएस अस्पतालों से रैनसम वसूलने के लिए ब्लड टेस्ट डेटा को सार्वजनिक करने का तरीक़ा अपनाया था. लेकिन इसने इसे अपने डार्क वेब वेबसाइट से पहले अपने टेलीग्राम चैनल पर डाला था.

    जो डीप फेक सर्विस स्पेन और दक्षिण कोरिया की स्कूली छात्राओं की फर्जी नंगी तस्वीरें बनाने के लिए इस्तेमाल की गई थीं वो टेलीग्राम पर अपनी पूरी सर्विस चलाती हैं. इनमें पेमेंट सर्विस भी शामिल हैं.

    ऐसा लगता है कि मुझे जिन आपराधिक टेलीग्राम चैनलों से जोड़ा गया था उनकी मौजूदगी स्नैप चैट पर भी है. इंस्टाग्राम पर भी ड्रग्स का धंधा करने वाले आपको मिल सकते हैं. इसमें कोई शक़ नहीं है ऐसे सोशल मीडिया साइट्स पर प्राइवेट चैट्स के ज़रिये ही धंधा होता है.

    लेकिन ड्रग्स का धंधा करने वाले अक्सर इन साइटों पर अपने टेलीग्राम चैनलों का विज्ञापन करते दिख जाएंगे. दरअसल ये लोग लोगों को अपने प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए इस तरह के विज्ञापन देते हैं.

    जनवरी में लातविया की पुलिस ने ड्रग्स की तस्करी और इसके लिए आपसी बातचीत के लिए इस्तेमाल होने वाले चैट ऐप्स पर निगरानी के लिए एक ख़ास यूनिट बनाई थी. इस पूरी कवायद के दौरान अधिकारियों ने टेलीग्राम को लेकर खास तौर पर चिंता जताई थी.

    बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी सामग्री पर टेलीग्राम का रवैया BBC 5084 सदस्य वाला एक चैनल टेलीग्राम पर ड्रग्स से लेकर चुराए हुए क्रेडिट कार्ड और गन भी बेचता है.

    टेलीग्राम का कहना है कि इसका नियमन इंडस्ट्री के मानकों के दायरे में ही है.

    लेकिन इस सप्ताह हमने इसे दावे के उलट सबूत देखे. ये अपराध के एक ऐसे क्षेत्र से भी जुड़ा था, जो कम दिखाई देता है. और वो है बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी सामग्री (मैंने इसके लिए कभी सर्च नहीं किया.) .

    बुधवार को बीबीसी को पता चला कि टेलीग्राम पुलिस और कुछ चैरिटी की ओर से चैनल की कुछ सामग्रियों को हटाने के अनुरोध पर तो कदम उठाता है, लेकिन बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो को फैलने से रोकने की सक्रिय होकर कदम नहीं उठाता.

    फ्रांस के सरकारी अभियोजकों का कहना था कि टेलीग्राम अपने चैनल पर बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी सामग्री पर नज़र रखने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है. ये टेलीग्राम पर लगाए गए आरोपों में से एक प्रमुख आरोप था.

    फ्रांस की बाल संरक्षण एजेंसी ऑफ़मिन के जनरल सेक्रेट्री ज्यां मिशेल बर्निगॉद ने लिंक्डइन पर लिखा, "इस मामले की जड़ आख़िर है कहां. दरअसल इसके केंद्र में है टेलीग्राम पर मॉडरेशन और सहयोग की कमी. ख़ासकर बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध से लड़ाई में टेलीग्राम का रवैया साफ दिखता है."

    टेलीग्राम ने बीबीसी ने कहा कि वो अपनी साइट पर बच्चों के यौन दुर्व्यवहार समेत तमाम गै़रक़ानूनी गतिविधियों रोकने के लिए सक्रिय होकर काम करता है.

    उसने कहा है कि सिर्फ अगस्त में ही 45 हज़ार ग्रुप्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है. हालांकि ये नहीं बताया गया कि क्या कार्रवाई की गई है.

    टेलीग्राम के प्रेस ऑफ़िस ने इसके बाद और इस रिपोर्ट में और भी कई जगह उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया है.

    इसी महीने जून में पावेल दुरोव ने पत्रकार टकर कार्लसन को बताया था को अपने प्लेटफॉर्म को चलाने के लिए उन्होंने "क़रीब 30 इंजीनियरों को नियुक्त" किया है.

    पुलिस के साथ सहयोग नहीं करता टेलीग्राम BBC गिफ्ट कार्ड फोरम जैसा ग्रुप (23369 सदस्य) एयर बीएनबी, मेरियट होटलों, अमेरिकन एयरलाइंस, अमेजन, एपल, वॉलमार्ट और दर्जनों ऐसी कंपनियों के गिफ्ट कार्ड, फेक बाउचर बेचता है

    मॉडरेशन का न होना या इसकी कमी टेलीग्राम की समस्या का सिर्फ़ एक हिस्सा है. दूसरी बड़ी समस्या है पुलिस के साथ सहयोग न करना. पुलिस की ओर से अवैध कंटेंट को हटाने के आग्रह पर अपने रवैये की वजह से भी टेलीग्राम आलोचनाओं के घेरे में रहता है.

    इंटरनेट पर भरोसे और सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म सिंडर के सह-संस्थापक ब्रायन फिशमैन ने लिखा, "टेलीग्राम एक अलग ही स्तर पर है. ये आईएसआईएस के लिए वर्षों से एक प्रमुख केंद्र रहा है. ये बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार से जुड़ी सामग्री को भी बर्दाश्त करता है. ये वाजिब क़ानूनों को भी नज़रअंदाज़ करता रहा है. ‘हल्की’ सामग्रियों को लेकर भी इसमें मॉडरेशन नहीं है. इसका नज़रिया बिल्कुल अलग ही है."

    कुछ लोग ये दलील दे सकते हैं कि टेलीग्राम के प्राइवेसी फ़ीचर्स का मतलब ये है कि कंपनी के पास इस गतिविधि का इतना डेटा नहीं है कि पुलिस को रिपोर्ट किया जा सके.

    सिग्नल और व्हॉट्सऐप जैसे अति निजी मोबाइल ऐप्स के साथ ही भी यही समस्या है.

    अगर यूज़र्स कोई सीक्रेट चैट विकल्प अपनाता है कि टेलीग्राम उसे उसी स्तर की निजता देता है जैसा दूसरे ऐप देते हैं. टेलीग्राम पर ऐसे सीक्रेट चैट, सिग्नल और व्हॉट्सऐप जैसे ही हैं जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (गुप्त कोड में मैसेज पहुंचाने की सुविधा) की सुविधा देते हैं.

    इस तरह से किसी बातचीत और गतिविधियां पूरी तरह निजी रहती हैं. यहां तक कि टेलीग्राम भी इन्हें नहीं देख सकता.

    हालांकि टेलीग्राम पर ये फंक्शन डिफॉल्ट के तौर पर सेट नहीं है. ऐसा लगता है कि मुझसे जुड़े टेलीग्राम चैनलों और ऐप पर ज्यादा से ज्यादा गतिविधियां ‘सीक्रेट’ के तौर पर सेट नहीं हैं.

    टेलीग्राम इन पर मौजूद सारे कंटेंट पढ़ सकता है और अगर चाहे तो पुलिस को इसकी जानकारी दे सकता है. लेकिन उसकी शर्तों और नियमों में कहा गया है कि वो ऐसा नहीं करता.

    कंपनी के नियमों और शर्तों में कहा गया है, "टेलीग्राम पर सभी चैट्स और ग्रुप चैट्स इसमें शामिल लोगों के बीच प्राइवेट होते हैं. हमें अगर इनसे जुड़े किसी रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने को कहा जाता है तो हम ऐसा नहीं करते."

    कई बार प्रेस से जुड़े कार्यक्रमों के इतर बातचीत में पुलिस अधिकारी मुझसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ टेलीग्राम के ठंडे रवैये के बारे में बता चुके हैं. उन्होंने इस बारे में कई बार अपनी हताशा जाहिर की है.

    टेलीग्राम के सीईओ पावेल दुरोव पर जो आरोप लगे हैं उनके बारे में फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि फ्रांस की पुलिस और बेल्जियम दोनों जगह क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से क़ानूनी अनुरोधों पर ध्यान ना देना टेलीग्राम का इतिहास रहा है.

    अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर सवाल BBC पावेल दुरोव को रिहा करने के लिए टेलीग्राम पर कैंपेन चल रहा है

    मॉडरेशन को लेकर टेलीग्राम के रवैये की तमाम आलोचनाओं के बावजूद कुछ लोग पावेल दुरोव की गिरफ़्तारी को एक परेशान करने वाली घटना मानते हैं.

    डिजिटल राइट्स संगठन एक्सेस नाओ का कहना है वो दुरोव की गिरफ़्तारी और उसके बाद के घटनाक्रम पर बड़ी ही शिद्दत के साथ नज़र रखे हुए.

    ओपन इंटरनेट की पैरवी करने वाले इस संगठन ने कहा है कि टेलीग्राम कॉरपोरेट कंपनियों की समाज के प्रति ज़िम्मेदारी के मामले में कोई आदर्श उदाहरण पेश नहीं करता. इस संगठन ने पहले भी कई बार टेलीग्राम की आलोचना की है.

    लेकिन एक्सेस नाओ इस बात की भी चेतावनी दे रहा है कि "लोग स्वतंत्र अभिव्यक्ति और शांतिपूर्ण सभाओं, जुलूसों और प्रदर्शन करने जैसे अपने अधिकारों के इस्तेमाल के लिए जिन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मो का इस्तेमाल कर रहे हैं उनके कर्मचारियों को हिरासत में लेना ठीक नहीं है."

    "मानवाधिकार के सिद्धातों को दरकिनार कर ऐसा करना हद से अधिक सेंसरशिप को बढ़ावा देगा और इससे नागरिकों का दायरा सिमटता जाएगा."

    टेलीग्राम ने भी बार-बार ये कहा है, "किसी प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग के लिए उस प्लेटफ़ॉर्म या उसके मालिक को ज़िम्मेदार ठहराना बेहूदा आरोप है."

    सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के मालिक एलन मस्क ने पावेल दुरोव की गिरफ़्तारी की आलोचना की है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है और दुरोव का रिहा करने की मांग की है.

    बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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