लंदन की सड़कों पर छीना गया फ़ोन पहुँचा चीन
संभव है कि आपका या आपके किसी जानने वाले का फ़ोन कभी न कभी कोई छीनकर भागा हो.
दिल्ली का कोई बाज़ार हो, लखनऊ की कोई सड़क हो या कोई दूसरा शहर.
फ़ोन छीने जाने की घटनाएं अकसर सुनाई देती रहती हैं.
ऐसे मामले कम ही हैं, जहां किसी का फ़ोन छीने या चुराए जाने के बाद मिला हो.
मगर हाल ही में एक ऐसे मामले का पता चला है जब लंदन से चोरी हुए फ़ोन की लोकेशन एक महीने बाद चीन में मिली.
बीबीसी टेक्नोलॉजी के रिपोर्टर ग्राहम फ्रेशर और टॉम जर्कन ने इस मामले पर रिपोर्ट की है.
इसी साल अप्रैल का महीना था. अकारा एट्टेह अपने फोन पर कुछ देखते हुए लंदन में एक ट्यूब (मेट्रो) स्टेशन से बाहर निकल रहे थे.
कुछ पल बाद ही ये फोन इलेक्ट्रिक बाइक पर सवार चोर ने छीन लिया. अकारा ने पीछा किया मगर चोर ने रफ़्तार बढ़ाई और वहां से फुर्र हो गया.
इंग्लैंड और वेल्स में ऐसी घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं और बीते महीनों में हज़ारों लोगों के फ़ोन चोरी हुए हैं.
ऐसे मामलों में अपराधियों को सज़ा दिए जाने की दर कम ही है. पुलिस का कहना है कि वो अपराधियों पर शिकंजा कसती है मगर इस मामले में फोन कंपनियों की भूमिका ज़्यादा अहम होती है.
बीबीसी की टीम को ऐसी घटनाओं के शिकार लोगों ने बताया है कि कैसे फ़ोन चोरी होने से पुरानी तस्वीरों से लेकर हज़ारों रुपयों का नुक़सान हो जाता है.
अकारा भी अपना फ़ोन चोरी होने से परेशान थे. वो ये तो जान पा रहे थे कि उनका फ़ोन किस लोकेशन पर है, मगर वो इसे वापस नहीं ला पा रहे थे.
अकारा ने अपने आईफ़ोन 13 के 'फाइंड माय आईफोन' फीचर को घर जाकर लैपटॉप से ऑन किया. जल्द अकारा को नोटिफिकेशन मिली कि उनका फ़ोन लंदन के ही इंस्लिंग्टन में है.
आठ दिन बाद इस फ़ोन की लोकेशन उत्तरी लंदन के पास पता चली.
अकारा बोले, ''मैं किसी और को ऐसा करने की सलाह नहीं दूंगा मगर मैं फ़ोन की बताई गई दो लोकेशन पर गया था. ये ख़तरनाक था. मैं गुस्से से भरा हुआ था.''
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अकारा इन जगहों पर गए मगर किसी से कुछ कहा नहीं. उन्हें लगा कि जैसे कोई उन्हें देख रहा है. वो घर लौट आए.
वो बोले, ''मेरा फ़ोन बहुत महंगा था. बड़ी मेहनत से फ़ोन ख़रीदा था.''
एक महीने बाद अकारा ने फ़ाइंड माय फ़ोन फीचर फिर चेक किया. अकारा ने देखा कि उनका फ़ोन अब चीन के शेनज़ेन की लोकेशन दिखा रहा है.
अकारा ने उम्मीद छोड़ दी.ये अजीब था कि लंदन से चोरी हुआ फ़ोन अब चीन की लोकेशन दिखा रहा है.
ये ऐसी जगह है जहां फ़ोन का लॉक ना खुले या वो दोबारा इस्तेमाल ना किया जा सके तो फ़ोन के पार्ट्स खोलकर इस्तेमाल कर लिए जाते हैं.
जिस शहर में अकारा के फोन की लोकेशन दिखा रहा था, वहां की आबादी क़रीब एक करोड़ 60 लाख है. इस जगह को चीन की सिलिकॉन वैली भी कहा जाता है.
अकारा बताते हैं कि जब उनका फ़ोन चोरी हुआ था, तब वहां कुछ दूरी पर पुलिस वाले थे. पुलिस ने अकारा से ऑनलाइन शिकायत करने के लिए कहा.
कुछ दिनों बाद पुलिस का ई-मेल मिला कि केस बंद किया जा रहा है क्योंकि इसकी संभावनाएं कम हैं कि फ़ोन चुराने वालों को पकड़ा जा सके.
अकारा ने कुछ तस्वीरें और जानकारी भी मुहैया करवाईं, मगर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.
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बीबीसी से ऐसी घटनाओं के कई और पीड़ितों ने बताया कि चोरी हुए फ़ोन से ऑनलाइन पेमेंट भी की गई.
36 साल की कैटी कहती हैं, ''मेरे जिस फ़ोन को छीनकर ले गए, उसमें मेरी मां की आख़िरी तस्वीरें थीं. मैं उन तस्वीरों को वापस लाने के लिए कुछ भी करूंगी.''
कैटी भी पुलिस के कुछ ठोस कदम ना उठाने की बात कहती हैं.
अब सवाल ये है कि पुलिस ऐसे मामलों में कुछ कर क्यों नहीं पाती है या चोरी हुए फ़ोन दोबारा क्यों नहीं मिलते?
पुलिस अधिकारी मैट इवान्स ऐसे अपराधों के ख़िलाफ़ बनी एक टीम का नेतृत्व करते हैं.
वो स्वीकार करते हैं कि चोरी हुए फ़ोन में बहुत कम फ़ोन ही मिल पाते हैं.
इवान्स कहते हैं, ''ऐसे मामलों में वक़्त बड़ी चुनौती होता है. लेकिन लोगों को रिपोर्ट ज़रूर करना चाहिए. क्योंकि अगर हमें यही नहीं पता चलेगा कि अपराध हो रहा है तो हम जांच कैसे करेंगे.''
पुलिस कहती है- कई बार एक गिरफ़्तारी से भी फ़र्क़ पड़ता है.
नेशनल पुलिस चीफ काउंसिल के कमांडर रिचर्ड स्मिथ ने कहा, ''चोर पकड़े जा सकें, इसमें टेक कंपनियों की अहम भूमिका है.''
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अगर आपके पास आईफोन है तो फ़ाइंड माय आईफ़ोन फीचर ऑन रखिए.
एंड्रॉयड फ़ोन है तो फाइंड माय डिवाइस ऑन रखिए.
ऐसा करेंगे तो अगर फ़ोन चोरी हुआ तो आप उसकी लोकेशन पता कर सकते हैं या डाटा डिलीट कर सकते हैं.
हालांकि ब्रिटेन में सरकार चाहती है कि फ़ोन कंपनियां ये सुनिश्चित करें कि अगर कोई फ़ोन चोरी हुआ है तो वो दोबारा ना बेचा जा सके या उसका इस्तेमाल ना किया जा सके.
सरकार का कहना है कि ब्रिटेन और विदेश में पुराने फ़ोन की मांग बढ़ी है. ऐसे में चोरी की घटनाएं बढ़ने की ये एक वजह हो सकती है.
जल्द ही एक सम्मेलन0 आयोजित किया जाना है, जिसमें फ़ोन को अवैध तरीके से बेचे जाने पर रोक लगाने पर चर्चा होगी.
इस मामले में एप्पल और एंड्रॉएड ने बीबीसी को जवाब नहीं दिया है.
सैमसंग कंपनी का कहना है कि वो फ़ोन चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन के साथ काम कर रही है.
टॉम सिंगलटन की रिपोर्टिंग के साथ
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