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मध्य प्रदेश: शिकायती पन्नों की माला बनाकर सड़क पर रेंगने वाले मुकेश प्रजापति ने क्या बताया?

SCREENGRAB/X/JITUPATWARI मुकेश प्रजापति

मध्य प्रदेश के नीमच ज़िले के मुकेश प्रजापति अचानक से सुर्ख़ियों में आ गए हैं. 38 साल के मुकेश प्रजापति मिट्टी के बर्तन बेचकर अपने परिवार का गुज़र बसर करते हैं लेकिन वे अपने गांव में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायत करते रहे थे.

हालांकि उनकी शिकायतों का कोई नतीजा नहीं निकला. स्थानीय स्तर की जनसुनवाइयों से लेकर ज़िला प्रशासन के कार्यालयों में उन्हें यह कहा जाता रहा कि मामले की जांच हो रही है, लेकिन उन्हें कभी कोई कार्रवाई होते नहीं दिखी. लेकिन बीते मंगलवार को उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिसने उन्हें चर्चा का विषय बना दिया और प्रशासन को भी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

उन्होंने जनसुनवाई में जाने के लिये तरीक़ा भी अलग ही चुना. उन्होंने 1,000 शिकायती पन्नों की माला बनाई और इसे पहनकर बगैर शर्ट के रेंगते हुए जनसुनवाई में इंसाफ़ की मांगे लेकर पहुंचे. उसके बाद उन्होंने सर पर चप्पल रखकर गुहार लगाई.

ज़मीन पर रेंगते हुए मुकेश प्रजापति 200 फीट की दूरी तक ही चले लेकिन उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. सोशल मीडिया की चर्चाओं का ऐसा असर हुआ कि ज़िला कलेक्टर को इनके मामलों की जांच का आदेश देना पड़ा.

शिकायत दर्ज करने के अनोखे तरीके के बाद नीमच के डीएम हिमांशु चंद्रा ने एक जांच दल का गठन किया है जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगा. नीमच ज़िले के काकरिया तलाई गांव के मुकेश प्रजापति बुधवार को ज़िला प्रशासन के अधिकारियों के साथ अपने गांव के उन स्थानों पर जा रहे है जहां पर पिछले नौ सालों में विकास काग़ज़ों में हुआ है.

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मुकेश प्रजापति ने बताया, “पिछले सात सालों से मैं अपने गांव की पूर्व सरपंच पुष्पा बाई मेघवाल व उनके पति गोविन्द राम गंधवाल के भ्रष्टाचार की शिकायत करता रहा हूं. पुष्पा बाई 2015 से 2022 तक सरपंच रहीं और उन्होंने जमकर भ्रष्टाचार किया. मैंने हर तरह की शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ.”

उन्होंने बताया, “मैंने सोच लिया था की अब आख़िर बार यह करूंगा, कुछ नहीं हुआ तो इन मामलों को हमेशा से लिए भूल जाऊंगा. अब मुझे उम्मीद है मुझे इंसाफ़ मिल जाएगा. सुबह से अधिकारियों के साथ हूं क्योंकि कलेक्टर साहब ने लिखा है कि हर जगह शिकायतकर्ता को भी साथ में रखा जाए.”

वहीं दूसरी ओर पूर्व सरपंच के पति गोविन्द राम गंधवाल का कहना है कि उनकी पत्नी और उन्होंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. उन्होंने कहा, "प्रशासन जांच कर रहा है और उससे सब पता चल जाएगा."

नीमच ज़िला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने बताया, “आवेदक की शिकायत मिली है जिसमें गांव में अतिक्रमण और कई दूसरे मामले हैं जिन्हें लेकर तीन सदस्यों वाली समिति बनाई गई है. वो मौके पर जाकर काम को देखेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”

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  • गांव के भ्रष्टाचार पर सवाल

    मुकेश का गांव मध्यप्रदेश का आख़िरी गांव है. इसके एक किलोमीटर बाद से राजस्थान की सीमा शुरू हो जाती है.

    मुकेश दूसरी जगह से मिट्टी के बर्तनों को लाकर राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों ही राज्यों में करीब के गांवों में बेचते हैं. इससे उन्हें 300-400 रुपये की रोज़ कमाई हो जाती है.

    मुकेश के दो बेटे हैं. दोनों ही पढ़ाई में होनहार हैं. दोनों नीमच के सरकारी उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ रहे हैं और वहीं के हॉस्टल में रहते है.

    गांव की आबादी लगभग ढाई से तीन हज़ार है. मुकेश का दावा है कि उनका गांव सबसे पिछड़े गांवों में आता है और भ्रष्टाचार ने उसे और ज़्यादा पिछड़ा बना दिया है.

    ये पूछे जाने पर कि अकेले वही गांव में भ्रष्टाचार के मामले क्यों उठा रहे थे, उन्होंने बताया, “जो भी पैसा सरकार देती है वह हम लोगों का ही पैसा होता है. मुझे ऐसा महसूस होता है कि जनता के पैसों को सही उपयोग होना चाहिये. इसलिये मैं इसके ख़िलाफ़ खड़ा हुआ.”

    उन्होंने बताया, “गांव की सरपंच और उनके पति ने एक पूरे तालाब को ख़त्म कर डाला उसकी मिट्टी जो 35-40 लाख की होगी उसे बेच डाला. वहीं कोई भी नाली, सड़क कुछ भी नहीं बनाई लेकिन काग़ज़ों में सब बना हुआ है. इसलिए मैंने इन सब चीज़ों का विरोध किया.”

    गांव के एक अन्य व्यक्ति ने पहचान ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि, “गांव में हर मामले में भ्रष्टाचार किया गया है लेकिन हर कोई मुकेश की तरह खड़ा नहीं हो सकता है. बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ता है.”

    SHURAIHNIAZI मुकेश प्रजापति के गांव में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव पहला मामला नहीं

    हालांकि यह इस तरह का प्रदेश में पहला मामला नहीं है. इससे पहले जुलाई महीने में मंदसौर में भी एक बुर्ज़ुग किसान कलेक्टर आफ़िस में लोटते हुए आए थे, उनकी ज़मीन पर भू-माफ़िया ने क़ब्ज़ा कर लिया था. उसके बाद प्रशासन फौरन हरकत में आ गया था.

    बहरहाल इस मामले के सामने आने के बाद राजनीति भी तेज़ हो गई है.

    मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है, “नरेंद्र मोदी जी, ये हमारे "नए भारत" की तस्वीर है! आपने प्रदेश की जनता से लाडली बहना योजना और किसानों की उन्नति के नाम पर वोट मांगे थे लेकिन मध्य प्रदेश को इस भ्रष्ट सरकार के हवाले कर दिया है.”

    उन्होंने लिखा, “आज प्रदेश के हर क्षेत्र और विभाग में माफ़ियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों का बोल-बाला है, जिनके बढ़ते आतंक से प्रदेश की जनता न्याय के लिए इस तरह रेंगने पर मजबूर हो गई है. कृपा कर नीमच में हुई इस घटना की जांच करवाएं."

    बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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